Deep Learning Kya Hai? पूरी जानकारी

नमस्ते दोस्तों, आज के इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे Deep Learning के बारे में, जैसे कि Deep Learning Kya Hai (what is Deep Learning in Hindi) इसके प्रकार, उपयोग और यह कैसे काम करता है इत्यादि।

Deep Learning जिसे हिंदी में “गहन शिक्षण” कहा जाता है, यह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और मशीन लर्निंग (ML) की एक शाखा हैं। यह कम्प्यूटर्स और मशीनो को डेटा की सहायता से बिल्कुल इंसानो की तरह सिखने और समझने की क्षमता प्रदान करती है।

डीप लर्निंग आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग एक प्रमुख शाखा है।

इसके लिए deep learning जटिल न्यूरल नेटवर्क (deep neural network) का उपयोग करती है इसलिए इसे गहन शिक्षण यानी डीप लर्निंग कहा जाता है।

आइये Deep Learning Kya Hai और इससे सम्बंधित हर प्रकार की जानकारी को गहराई से समझते हैं, Deep Learning को समझने के लिए आपको इस पूरे ब्लॉग को अच्छे से पढ़ना होगा, तो चलिए एक-एक करके शुरू करते हैं।

Deep Learning Kya Hai – डीप लर्निंग क्या हैं।

Deep Learning मशीन लर्निंग का एक प्रमुख हिस्सा है जो मशीनो को डेटा की सहायता से सिखने और समझने में सक्षम बनाती हैं कुछ मानव मस्तिष्क की तरह, चाहे वह structured data (वैसा डाटा जो व्यवस्तिथ हैं)  हो या unstructured data (जो डेटा व्यवस्तिथ नहीं हैं) यह सभी प्रकार के डेटा से सिखने में सक्षम होती है।

इसके लिए इसे बड़ी मात्रा में डेटा दी जाती हैं। जिसे deep learning न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करके प्रोसेस करती है और स्वयं डेटा में उपस्तिथ पैटर्न्स और फीचर्स को पहचानकर कुछ नया सिखने का प्रयास करती हैं।

न्यूरल नेटवर्क (neural network) को बिल्कुल मानव मष्तिस्क की तरह डिज़ाइन किया गया है इसे आप virtual human mind भी समझ सकते हैं। जिस प्रकार मानव मस्तिष्क में अरबो न्यूरॉन्स (neurons) होते है जो जानकारी को प्रोसेस करते है और हम इंसानो को किसी भी चीज़ को सिखने और समझने में सक्षम बनाते है।

उसी प्रकार इन न्यूरल नेटवर्क (neural network) में आर्टिफीसियल न्यूरॉन्स (artificial neurons) होते है, जो डेटा को प्रोसेस करते हैं और मशीनो को हम इंसानो की तरह सोचने, समझने और नयी-नयी चीज़ो को सिखने में सक्षम बनाते है।

आइये Deep Learning Kya Hai इसे एक उदहारण से समझने का प्रयास करते हैं।

कल्पना कीजिये की आप एक कम्प्यूटर प्रोग्राम लिख रहे है जो जानवरो को पहचानने में सक्षम होगा।

तो traditional programming में, आपको अपने मॉडल को सिखाने के लिए हर प्रकार के प्रत्येक जानवर के लिए उसके characteristic और फीचर्स के बारे में विस्तार से बताना पड़ेगा।

लेकिन deep learning में, आपको सिर्फ जानवरों की इमेज का डाटासेट देना होगा। मशीन खुद ही डीप लर्निंग अल्गोरिथम की सहायता से जानवरो के उसके फीचर्स और पेटर्न्स को निकालकर जैसे: उसका रंग, रूप, आकार, इत्यादि को समझने लगेगा। इसके बाद, जब आप अपने मॉडल को कोई नई जानवर की तस्वीर देंगे तो वह अब उस नए जानवर को पहचानने में सक्षम होगा। यह प्रक्रिया उसको खुद से सीखने और स्वयं निर्णय लेने में सुधार करने की क्षमता देता है।

What is Deep Learning in Hindi?

तो डीप लर्निंग क्या हैं इसे तो आपलोग समझ गए होंगे, परन्तु क्या आप जानते है कि यह इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं? आइये इसे समझते हैं।

Deep Learning क्यों महत्वपूर्ण हैं।

Deep Learning का उपयोग उन कार्यो के लिए किया जाता हैं जिन्हे पारम्परिक मशीन लर्निंग तकनीक करने में असक्षम हैं। जैसे बड़े स्तर पर डेटा को प्रोसेस करना, डेटा में छिपे features और patterns को स्वचालित रूप से समझना और कई जटिल कार्यो को बिना मानवीय हस्तक्षेप के पूरा करना इत्यादि।

इसलिए Deep Learning को मशीन लर्निंग की एक उच्च संस्करण (advanced version) भी कहा जाता हैं। आइये इसके कुछ सबसे महत्वपूर्ण कार्यो को समझते हैं।

Big Data Processing Capablities: हम सभी जानते हैं पिछले कुछ वर्षो में इंटरनेट का उपयोग कितना बढ़ गया हैं। जिसके कारण data का आकार भी कई गुना तक बढ़ चूका हैं, एक रिपोर्ट के अनुसार हर दिन 328.77 million terabyte डेटा का निर्माण होता हैं, जिसे मशीन लर्निंग तकनीक द्वारा नहीं संभाला जा सकता, इसलिए Deep Learning तकनीक का उपयोग किया जाता हैं चूँकि यह बड़े से बड़े data को सँभालने में सक्षम होता हैं।

Automatic Features Extraction: अब जब डेटा की मात्रा इतनी ज्यादा होगी, तो स्वाभाविक है कि इतनी बड़ी डेटा में से फीचर्स को मैन्युअली नहीं चुना जा सकता, ऐसे में एक ऐसी तकनीक की आवश्यकता होगी जो बड़ी से बड़ी डेटा से जटिल फीचर्स को स्वतः निकालने में सक्षम हो।

इसलिए Deep Learning का उपयोग किया जाता हैं, यह स्वतः बड़ी से बड़ी डेटा से उसके फीचर्स को निकालने और उसे समझने में सक्षम होते हैं, अतः इनमे मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता न के सामान होती हैं।

तो अभी तक आपने जाना डीप लर्निंग क्या हैं और यह महत्वपूर्ण क्यों हैं, परन्तु क्या आप जानते हैं डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग में क्या अंतर हैं? चूँकि दोनों का कार्य तो समान हैं, मशीनो को डेटा की सहायता से सिखने और समझने में सक्षम बनाना। परंतु इन दोनों के बीच कई असमानताएं भी हैं, आइये उन्हें जानते हैं।

Deep Learning और Machine Learning में क्या अंतर है।

Deep Learning मशीन लर्निंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इन दोनों का मूल कार्य प्राप्त डेटा की सहायता से मशीनो को सिखने और समझने की शक्ति प्रदान करना है। परन्तु इन दोनों में बहुत सी असमानताएं भी है जिसे मैंने निचे बताया है।

Machine Learning:

Machine Learning जो डाटा से मशीनो को सिखने की क्षमता प्रदान करती है इसके लिए यह कई प्रकार के अल्गोरिथम का उपयोग करती है जैसे: linear regression, decision trees, support vector machines, इत्यादि।

मशीन लर्निंग में डेटा प्रोसेसिंग के दौरान data मे उपस्तिथ patterns और features को इंसानों द्वारा मैन्युअली चूना जाता हैं। इसलिए इसे बड़े डेटासेट के साथ शिक्षण देना काफी कठिन होता हैं।

इसमें मॉडल्स को सिखाने के लिए labeled ट्रेनिंग डेटा की आवश्यकता होती हैं, जिसमे प्रत्येक input के साथ उसका सही output ज्ञात होता हैं।

मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग अक्सर परंपरागत और छोटे कार्यो के लिए किया जाता हैं। जैसे spam detection, recommendation systems और regression analysis इत्यादि।

यदि आसान शब्दों में कहे तो Machine Learning सिमित और सिर्फ संचरित डेटा (structure data) को प्रोसेस करने में सक्षम होती हैं और किसी प्रकार की त्रुटि होने पर उसे ठीक करने के लिए मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ती है।

Deep Learning:

Deep Learning भी प्राप्त डेटा की सहायता से मशीनो को सिखने की क्षमता प्रदान करती हैं परन्तु इसकी क्षमता मशीने लर्निंग की अपेक्षा काफी अत्यधिक होती हैं।

इसमें data processing के लिए खास तौर पर न्यूरल नेटवर्क पर आधारित एल्गोरिथ्म का उपयोग होता हैं। जैसे कि convolutional neural networks (CNNs), recurrent neural networks (RNNs) इत्यादि।

इस प्रकार के मॉडल्स खुद ही data में उपस्तिथ features और patterns पहचानकर सिखने में सक्षम होते हैं, इसमें मानवीय हस्त्क्षेप की आवश्यकता नहीं होती।

Deep Learning मॉडल्स को सिखाने के लिए बड़े स्तर पर labled data की आवश्यकता होती हैं। ये मॉडल्स सभी प्रकार के डेटा से जटिल पैटर्न्स और उनके बीच के संबंधो को पहचानने में सक्षम होते हैं।

Deep Learning का उपयोग ज़्यादातर जटिल और बड़े स्तर के कार्यो को करने के लिए किया जाता हैं। जैसे कि image recognition, natural language processing, language translation और autonomous vehicles इत्यादि में।

यदि इसे भी आसान शब्दों में कहे तो Deep Learning बड़े डेटा और सभी प्रकार के डेटा जैसे संचरित डेटा (structured data), असंचरित डेटा (unstructured data) और जटिल डेटा (complex data) को प्रोसेस करने में सक्षम होती है और त्रुटियों को भी स्वयं पहचानकर ठीक कर सकती है इसमें मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता न के समान होती है।

बेहतर कौन हैं?

Deep Learning और Machine Learning अल्गोरिथम में से कौन सा बेहतर है यह कार्य के प्रकार, उपस्तिथ डेटा और कार्य की जटिलता पर निर्भर करती हैं।

मशीन लर्निंग साधारण कार्यो के लिए उत्तम हैं। वही डीप लर्निंग अल्गोरिथम जटिल कार्य और बड़े datasets के लिए अधिक प्रभावी होते हैं।

अब तक तो आपने Deep Learning Kya Hai और मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में क्या अंतर हैं इसे समझ गए होंगे। पर क्या आप जानते है? Deep Learning के कितने प्रकार है और उनका कार्य क्या हैं? आइये इसे भी समझते हैं।

Deep Learning कितने प्रकार के होते हैं?

Deep Learning के कई प्रकार होते है जिनमे से प्रत्येक का उपयोग अलग-अलग कार्यो को पूरा करने के लिए किया जाता है जो निचे निमन्नलिखित हैं।

  • Convolutional Neural Networks: CNNs का उपयोग प्रमुख रूप से image सम्बंधित कार्यो को करने के लिए किया जाता है जैसे: image recognition, image classification और object detection आदि।
  • Recurrent Neural Networks: RNNs का उपयोग Natural Language Processing (NLP) और speech recognition जैसे अनुक्रमों से जुड़े कार्यों के लिए किया जाता है।
  • Long Short-Term Memory Networks (LSTMs): यह RNNs का ही एक प्रकार हैं जो अनुक्रमिक डेटा में लम्बे अवधी के सम्बन्ध को सँभालने के लिए डिज़ाइन किये गए है। यह मॉडल को जानकारी (information) को याद रखने में मदद करता है।
  • Generative Adversarial Networks: GANs का उपयोग नए डेटा के निर्माण जैसे text generation और image generation आदि के लिए किया जाता हैं।
  • Autoencoders: इसका उपयोग unsupervised learning के लिए होता हैं, यह डेटा को encode और decode करके उसके उसके मूल features को निकालने में सहायक हैं। ये Dimensionality reduction में भी मदद करते हैं।
  • Capsule Networks: इसका उपयोग पदानुक्रमित संबंधो (Hierarchical relationships) को समझने के लिए होता हैं, जिनसे image recognition, object detection जैसे कार्यो को और बेहतर बनाया जा सके।
  • Attention Mechanisms: दिए गए किसी भी प्रकार के input data के कुछ विशेष भागों पर ध्यान करके करके मॉडल की सटीकता को सुधारने में मदद करता हैं।
  • Transfer Learning: किसी एक कार्य को करने के दौरान सीखे गए ज्ञान को किसी दूसरे संभावित कार्य को करने में सहायक होता हैं।
  • Deep Belief Networks (DBNs):
  • Self-Supervised Learning:
  • Meta-Learning: यह मॉडल को नए कार्यो को जल्दी सिखने में मदद करता हैं। जिससे मॉडल नए प्रकार के कार्यो में जल्दी से कार्यानुसार अनुकूल हो सके।
  • Neuroevolution: यह neural network को कार्य के अनुसार evolutionary algorithm के अनुकूलित करने में मदद करता हैं।

तो Deep Learning Kya Hai, इसके प्रकार कितने है और उनका कार्य क्या है ये सब तो समझ लिया, अब आइये जानते है Deep Learning का उपयोग कहाँ होता है।

Deep Learning का उपयोग कहाँ होता है?

Deep Learning का उपयोग artificial intelligence, robotics, finance, manufacturing, image और object recognition, self-driving cars और कई तकनीक से जुड़े विभिन्न क्षेत्रो को सशक्त करने के लिए किया जाता हैं। इसके साथ-साथ आजकल इसका उपयोग आधुनिक चिकित्षाविज्ञान में कई घातक बीमारियों को पहचानने और उसका निवारण करने के लिए भी किया जाता हैं।

Deep Learning कैसे काम करता है?|How does Deep Learning work in Hindi?

Deep Learning मानवनिर्मित आर्टिफीसियल न्यूरल नेटवर्क्स के माध्यम से कार्य करती हैं, जो डेटा को प्रोसेस करने और डेटा में छिपे पैटर्न्स को डीप लर्निंग एल्गोरिथ्म्स को समझने में मदद करती है। ये सभी कार्य अलग-अलग चरणों में होते हैं। जिन्हे मैंने निचे बताया हैं।

Neural Network:

न्यूरल नेटवर्क

डीप लर्निंग में, न्यूरल नेटवर्क एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो डेटा में उपस्थित पैटर्न को समझने में मदद करता है। यह एक बड़े संख्या में न्यूरोंस की एक नेटवर्क होता है जो साधारणतः तीन भागों में विभाजित होता है: इनपुट लेयर, हिडन लेयर, और आउटपुट लेयर। इसे प्रकार शिक्षित किया जाता है कि यह दिए गए डेटासेट के साथ अनुकूलित हो सके और अल्गोरिथम को पैटर्न्स समझने में मदद कर सके।

Feature Extraction:

फीचर एक्सट्रेक्शन डीप लर्निंग के लिए महत्वपूर्ण है, जो विभिन्न तरीकों से डेटा के विशेषताओं को डीप लर्निंग एल्गोरिथ्म्स को समझने में मदद करता है। यह डेटा को अधिक सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करने में मदद करता है, जिससे न्यूरल नेटवर्क उसे आसानी से समझ सके और अधिक उत्तम परिणाम प्राप्त कर सके।

Updating and Learning:

डीप लर्निंग मॉडल को ट्रेन करते समय, उसे नियमित रूप से अपडेट किया जाता है ताकि वह नए डेटा के साथ संगत हो सके। यह शिक्षण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता है जिससे मॉडल समय के साथ और बेहतर होता जाता है।

इस प्रकार डीप लर्निंग काम करता है और निरंतर डेटा से सिखने का प्रयास करता हैं।

डीप लर्निंग एल्गोरिदम का आविष्कार किसने किया?

डीप लर्निंग एल्गोरिदम का आविष्कार कई शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। जिनमे प्रमुख वैज्ञानिको की श्रेणी में Geoffrey Hinton, Yann LeCun, Yoshua Bengio, और Andrew Ng शामिल हैं।

डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग में क्या अंतर हैं?

डीप लर्निंग बड़े एवं सभी प्रकार के डेटा जैसे संचरित (sturctured )और असंचरित (unsturctured) डेटा को प्रोसेस करने में सक्षम होती है, इसमें डेटा प्रोसेसिंग के दौरान अल्गोरिथम खुद ही डेटा में उपस्तिथ features और patterns पहचानकर सिखने में सक्षम होते हैं।

और वही मशीन लर्निंग सिमित और सिर्फ संचारित डेटा को प्रोसेस करने में सक्षम होती है इसमें प्रोसेसिंग के दौरान data मे उपस्तिथ patterns और features को इंसानों द्वारा चूना जाता हैं।

डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग में बेहतर कौन हैं?

बेहतर कौन है यह कार्य के प्रकार और जटिलता पर निर्भर करती हैं। मशीन लर्निंग जहां छोटे और पारम्परिक कार्यो के लिए बेहतर हैं, वही डीप लर्निंग बड़े, जटिल और बड़े डेटासेट के लिए अधिक प्रभावी हैं।

निष्कर्ष

डीप लर्निंग को आखरी शब्दों में कहूँ तो यह मशीनो को डेटा की सहायता से सिखने और समझने की क्षमता प्रदान करती हैं, यह मशीन लर्निंग की ही उच्च संस्करण हैं।

मुझे पूरा विश्वाश है इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद आपको डीप लर्निंग के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारिया जैसे: डीप लर्निंग क्या हैं? यह क्यों महत्वपूर्ण हैं, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में क्या अंतर हैं, इसका उपयोग और यह कैसे काम करता हैं आदि प्राप्त हो गयी होगी।

यदि आपके पास कोई और प्रश्न है इस विषय से सम्बंधित तो आप निचे दिए गए कमेंट बॉक्स पूछ सकते हैं, और आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो तो आ इसे अपने किसी तकनीक में रूचि रखने वाले मित्र के साथ शेयर अवश्य करे।

I am the Founder & Author of TechStym. I am a DATA Science Engineer. I completed my Engineering from a Private College in Punjab in 2016. I love to explore the world of Technology.

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